Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
खंडपीठ में दोनों न्यायाधीशों के अलग-अलग फैसलों के चलते यह मामला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के पास पहुंचा। उन्होंने इसे निष्पत्ति के लिए न्यायमूर्ति चक्रवर्ती की एकल बेंच के समक्ष भेजा।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट की तीसरी बेंच ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सहित पांच लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पार्थ चटर्जी सहित नौ आरोपितों ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था। पहले यह मामला न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिंह रॉय की खंडपीठ के समक्ष पेश हुआ था। 20 नवंबर को न्यायमूर्ति बनर्जी ने नौ आरोपितों की जमानत को मंजूरी दी थी, लेकिन न्यायमूर्ति रॉय ने पांच आरोपितों – पार्थ चटर्जी, सुबिरेश भट्टाचार्य, अशोक साहा, कल्याणमय गांगुली और शांतिप्रसाद सिन्हा को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
खंडपीठ में दोनों न्यायाधीशों के अलग-अलग फैसलों के चलते यह मामला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के पास पहुंचा। उन्होंने इसे निष्पत्ति के लिए न्यायमूर्ति चक्रवर्ती की एकल बेंच के समक्ष भेजा।
मंगलवार को न्यायमूर्ति चक्रवर्ती की बेंच ने मामले की सुनवाई पूरी की, लेकिन उस समय फैसला सुरक्षित रखा गया था। मंगलवार को दिए गए फैसले में न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने पार्थ चटर्जी सहित पांचों आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
सीबीआई ने भर्ती घोटाले के इस मामले में आरोप लगाया है कि अभियुक्तों ने भ्रष्ट तरीकों से सरकारी पदों पर नियुक्तियां की और इसके बदले में भारी मात्रा में धन अर्जित किया। इस मामले में पार्थ चटर्जी और अन्य आरोपितों की भूमिका को गंभीर मानते हुए अदालत ने जमानत देने से इनकार किया।